डाइटिंग से हुई श्रीदेवी की डेथ!

सौ.- सोशल मीडिया

मशहूर फिल्म अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत पर बड़ा खुलासा उनके पति बोनी कपूर ने किया है। बोनी कपूर ने 5 सालों के बात अपनी चुप्पी तोड़ी है। हाल ही में द न्यू इंडियन को दिए एक इंटरव्यू में बोनी कपूर ने बताया कि श्रीदेवी की मौत की वजह उनकी क्रैश डाइटिंग हो सकती है। अच्छा दिखने को लेकर श्रीदेवी काफी पैसनेट रहीं। ऑन स्क्रिन हो या ऑफ स्क्रिन..वो हर हाल में खूबसूरत दिखना चाहती थीं। अपने शरीर को शेप में रखने का उन पर जुनून सा सवार हो जाता था। जरा सा फिजीक बिगड़ा नहीं कि तनाव में आ जाती थीं। एकदम से डाउटिंग के सख्त नियम फॉलो करने लग जाती थीं। इसका बुरा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता था। अचानक आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, चक्कर खाकर गिर पड़ना मानों उनके लिए सामान्य बात हो गई थी। टफ डाइटिंग उनके लिए ठीक नहीं है..बार-बार डॉक्टरों के कहने के बावजूद श्रीदेवी मानती नहीं थीं। डॉक्टर उनसे कहते थे..आपको लो बीपी की समस्या है। आप नमक खाया करें। बेशक सलाद पर थोड़ा नमक छिड़कर खाएं लेकिन नमक खाना जरूरी है। लेकिन फिट दिखने की दिवानगी उनपर इस कदर हावी थी कि वो किसी की सुनती ही नहीं थीं।

बोनी कपूर ने बताया साउथ के फिल्म स्टार नागार्जुन ने भी उनसे एक किस्सा शेयर किया था। उन्होंने बताया था कि एक बार श्रीदेवी क्रैश डाइटिंग के दौरान शूटिंग के समय बाथरूम में गिर गई थीं। जिससे उनके दांत भी टूट गए थे। इसके बावजूद भी श्रीदेवी ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया।

24 फरवरी 2018 को 54 वर्ष की श्रीदेवी की मौत की ख़बर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था। यही पता चला था कि टब में डूबने की वजह से श्रीदेवी की मौत हो गई। उस वक्त उनकी हत्या की आशंका ने भी काफी जोर पकड़ा था। उनके पति बोनी कपूर को पुलिसिया जांच का सामना करना पड़ा था। अब करीब 5 सालों बाद बोनी कपूर ने अपने दिल की बात शेयर की है। बोनी कपूर के अनुसार..सुंदर दिखने के लिए दिवानगी की हद तक जाकर डाइट कंट्रोल करना श्रीदेवी की डेथ की वजह बनी।  

ऐसे में सवाल उठता है कि ये क्रैश डाइटिंग होती क्या है?

क्रैश डाइटिंग एक तरह से वजन कम करने का क्रैश कोर्स होता है। इसके तहत एकदम से कैलोरी इंटेक कम कर दिया जाता है। आमतौर पर एक इंसान 2000 से 2500 कैलोरी लेता है, जिसे क्रैश डाइटिंग के तहत घटा कर 800 से 1000 कैलोरी कर दिया जाता है। क्रैश डाइटिंग कई तरह की होती हैं। अलग-अलग फूड पैटर्न के जरिए इसे किया जाता है। जैसे जूस क्लीन्ज डाइट में सिर्फ फलों का जूस पिया जाता है। पत्तागोभी सूप डाइट प्लान, चिकन सूप डाइट प्लान क्रैश डाइटिंग के तहत आते हैं। इससे तेजी से वेट लॉस होता है। लेकिन जैसे ही क्रैश डाइटिंग रोकते हैं वजन तेजी से बढ़ जाता है। क्रैश डाइटिंग के कई सारे साइड इफैक्ट्स देखने को मिलते हैं। मसल्स कमजोर हो जाते हैं, मेटबॉलिज्म धीमा हो जाता है, शरीर में पोषक तत्वों, विटामिन और मिनरल्स की कमी हो जाती है। जिसकी वजह से शरीर में थकान, कमजोरी बनी रहती है। डॉक्टरों का मानना है कि 19 साल से कम उम्र के बच्चों को क्रैश डाइटिंग बिल्कुल भी नहीं आजमाना चाहिए। ये उनके शरीर को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है।