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निगम प्रशासन – मुर्दाबाद! हमारा मेयर – मुर्दाबाद! हमें हमारा – वेतन दो! जैसे नारों की गूंज मुखर्जीनगर जोन के निगम कार्यालय परिसर में थमने का नाम ही नहीं ले रही। वेतन की बढ़ती परेशानी से निगम कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। बार बार ऐसे हालात बन जा रहे हैं जब...
बार-बार, एक बार फिर दिल्ली नॉर्थ एमसीसी के कर्मचारी अपनी बकाया सैलरी को लेकर आंदोलन करने के लिए बाध्य हुए। दिल्ली म्यूनिसिपल वर्कर्स यूनियन मुखर्जी जोन के कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले पांच महीने से इन्हें सैलरी नहीं मिल रही है। कर्मचारियों को घर चलाना मुश्किल हो गया है। जिसने किसी कारणवश लोन ले रखा है,...
'9 करोड़ में से 9 किसानों ने भी पैसे वापस नहीं किए' दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने की दिशा में बड़ी पहल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों पर फिलहाल रोक लगा दी है और एक समिति के गठन की बात कही...
पं. चरनजीत रुद्राक्ष की पावनता का अनुमान इस तथ्य से सहज ही लग जाता है कि रुद्राक्ष के वृक्ष से चली हवा के संपर्क में आने वाले पौधे भी पुण्यलोक में जाते हैं और वहां से पुनः मृत्युलोक में नहीं आते। जाबालोप निषद में कहा गया है कि रुद्राक्ष धारण करने...
दिल्ली का मौजूदा संवैधानिक स्वरूप 33, तमाम तरह के तर्क वितर्क के बाद सरकारिया समिति इस बात से सहमत हुई कि लोकतांत्रिक और उत्तरदायी सरकार की जरूरतें तभी पूरी हो सकती है जब दिल्ली में विधानसभा और मंत्रिमंडल की स्थापना हो। समिति ने इसके लिए सिफारिश की, लेकिन साथ ही दिल्ली के...
दिल्ली को सुंदर बनाने का जो सपना शीला दीक्षित ने देखा, काम अभी भी उसी पर चल रहा है। चांदनी चौक का सौन्दर्यीकरण इसी कड़ी का हिस्सा है। जिस पर अभी तक काम चल ही रहा है। साल 2012 में उन्होंने इसके लिए बजट आंवटित कर काम शुरू करवाया था। यूं तो चांदनी चौक को साफ-सुंदर और...
दिल्ली की जनता के बीच पहुंच रहे हैं दोनों ही मुख्य सियासी दल। आम आदमी पार्टी हो या बीजेपी दोनों ही अपना-अपना पक्ष जनता के सामने रख रहे हैं। एक तरफ आप पार्टी का कहना है कि एमसीडी में 2500 करोड़ रुपए का भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसी वजह से निगम कर्मचारियों को सैलरी की दिक्कत हो...
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की घटना भुलाए नहीं भूलती। एक तरफ कोरोना महामारी का खतरा उस पर तबलीगी जमात से जुड़े लोगों का देश भर में फैल जाना। जाहिर है खतरा बड़ा था, लेकिन आज की तारीख में पलट कर देखा जाए तो साफ लगता है कि उस पर उठा सियासी बवंडर उससे भी ज्यादा बुरा था।...
आजाद भारत में दिल्ली 29. दिल्ली की प्रशासनिक संरचना को लेकर सरकारिया समिति ने स्थानीय स्तर पर उत्तरदायी और प्रतिनिधित्व वाली सरकार की कमी की चिन्हित करते हुए व्यवहारिक स्तर पर हो रही परेशानियों के बारे में बताया। किस तरह की परेशानी दिल्ली के बजट निर्धारण को लेकर भी हो रही थी। बजट...
लोकतंत्र में एक दूसरे का लिहाज करना, इज्ज्त करना बड़ी बात है। विशेषकर सियासत करने वाले किसी भी दल के नेता को इसका ध्यान रखना ही चाहिए कि मर्यादा की लक्ष्मण रेखा का मान बना रहे। क्योंकि यही से ये सियासी संस्कृति देश की आम जनता तक जाती है। आज सत्ता के उस तरफ है और ऐसी...

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