सीसीएन डेस्क
ताजा मामला दिल्ली के रघुवीर नगर का है। पच्चीस साल के मनीष ने ऐसा कभी नही सोचा था कि अपने से कम उम्र के मुहल्ले के लड़कों को समझाना उसे इतना भारी पड़ेगा। उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने जब कुछ नाबालिग लड़कों को बाइक पर स्टंट करते देखा तो उससे रहा न गया और वह उन नासमझी कर रहे लड़कों को ऐसा करने से मना करने लगा। वह तो उन्हें बस इतनी सी बात समझा रहा था कि उनका ऐसा करना उनकी जान मुसीबत में डाल सकता है। उन्हें गहरी चोट लग सकती है। लेकिन बजाए समझने के उन लड़कों ने इसे बुरा समझ लिया। वे मनीष से उल्टे लड़ने लगे। उन्हें मनीष की दखलअंदाजी नागवार गुजरी। जमकर झगड़ा हुआ। पास पड़ोस के लोगों ने दखल दकर झगड़ा खत्म करवाया। लेकिन लड़के नहीं माने। वे मनीष के घर पहुंचे। मनीष के परिवार ने बताया कि उन लड़कों से मनीष ने माफी भी मांगी। लेकिन फिर भी लड़के शांत नहीं हुए। और फिर उन्होंने वो कर दिया जिसकी कल्पना भी मनीष और उसके परिवार ने की भी नहीं थी। 8 जुलाई को लड़कों ने मनीष को बीच बाजार में घेर लिया। और चाकूओं से हमला बोल दिया। बकायदा उसे सड़क पर गिराने के बाद दो लड़कों ने दोनों तरफ से मनीष को पकड़ा और तीसरे लड़के ने उसे पेट पर बैठ कर उसे चाकुओं से गोद डाला। बताया जा रहा है कि मनीष के शरीर पर चाकू से 70 वार किए गए। आस पास खड़े सारे के सारे लोग सन्न रह गए। कोई भी बीच बचाव करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। मनीष मदद के लिए गुहार लगाता रहा। लेकिन कोई आगे नहीं आया। बुरी तरह से जख्मी मनीष सड़क पर पड़ा रहा। जब पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची तब तक देर हो चुकी थी। मनीष की मौत हो चुकी थी।