राजनीतिक पार्टियों से मांग-2
चुनाव के चरम काल में इस बात की चर्चा ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए. ये हाई टाइम होता है जब आप अपनी बात नेताओं तक पहुंचा सकते हैं. समाज के मध्यम वर्ग का दायरा बहुत बड़ा होता है. तरह-तरह के काम करने वाले लोगों की समस्याएं भी अलग-अलग होती है....
राजनीतिक पार्टियों से मांग
दिल्ली में चुनावी माहौल गरमाने लगा है. राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने घोषणापत्र पर काम शुरू कर दिया है. मुद्दें तलाशे जा रहे हैं. जनसंपर्क जोर पकड़ने लगा है. ये सही वक्त है जब दिल्ली का मध्यम वर्ग अपनी मांगों को आगे रखना शुरू करे. दिल्ली में एक मिडिल क्लास...
दिल्ली पुलिस के सिपाही किरण पाल की मौत एक अलार्म की तरह है जो व्यवस्था संभालने वालों को सावधान कर रही है..संभल जाएं नहीं तो और भी बुरे दिन आने वाले हैं! साफ दिखता है दिल्ली पुलिस की कार्यशैली कितनी भ्रष्ट हो चुकी है. अपराधियों पर अंकुश लगाने का मैकेनिज्म कब का खत्म हो चुका है. उपर...
सब कुछ जनता पर थोपने की प्रवृत्ति
दिल्ली की मौजूदा व्यवस्था पर गौर करें तो आप पाएंगे कि जनता पर नियम कानूनों का बोझ बढ़ता जा रहा है. आए दिन कोई न कोई नया फरमान आ ही जाता है. कानूनों के नियमन के मामले में सरकारी संस्थाएं ऐसे पेश आती हैं मानों जनता नकारा...
कानून व्यवस्था पर कड़ा संदेश क्यों नहीं?
दिल्ली की बिगड़ती कानून-व्यवस्था मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी चिंता बनती जा रही है. बहुत ज्यादा नहीं..15-20 साल पहले आप कल्पना नहीं कर सकते थे कि यहां मुंबई वाले हालात बन जाएंगे. गुंडे और गैंगस्टर यहां के कारोबारियों से हफ्ता वसूली करेंगे. पहले थोड़ी बहुत बदमाशी दिल्ली...
दिल्ली विधानसभा के चुनाव में करीब 100 दिनों का वक्त बचा है. मैं चाहता हूं कि इन सौ दिनों में मध्यम वर्ग के कुछ बड़े मुद्दों को सामने लाया जाए. पिछले कुछ सालों में दिल्ली की राजनीति में मध्यम वर्ग के मुद्दे गौण हो गए हैं. आप गौर करेंगे तो पाएंगे आज मध्यम वर्ग की जरूरतों पर...
नई सीएम आतिशी जब दिल्ली की सड़कों पर ग़ड्ढे की तलाश में उतरी तो ऐसा लगा मानों आम आदमी पार्टी को फिर अपनी सियासी जमीन तलाशने के लिए सड़कों पर उतरना पर रहा है. जो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद कुछ खिसकती सी लग रही थी. क्योंकि दिल्ली की सड़कों पर...
क्रिकेट वर्ल्ड कप भारतीय खिलाड़ियों का जादू चल रहा है..या फिर बड़े लेवल पर पैसे को कोई खेल चल रहा है?
इस वक्त बहुत कुछ ऐसा हो रहा है जो इसी ओर इशारा कर रहा है। वर्ल्ड कप में इंडियन क्रिकेट टीम की परफॉर्मेंस कुछ ज्यादा ही सरप्राइजिंग है..एक के बाद एक..जिस तरह...
जब से दिल्ली के प्रगति मैदान में फूड प्रोसेसिंग फेस्टिवल की जानकारी मिली..जाने की इच्छा जागी..लेकिन इसके पीछे ट्रेड फेयर वाला रोमांच नहीं था..कुछ गंभीर से सवाल दिलो दिमाग पर हावी होने लगे.. क्या भारत में फूड प्रोसेसिंग का धंधा इतना चमक गया है? आंकडें तो बहुत ही आकर्षक बताए जा रहे हैं.. पिछले 9 सालों में...
'श्राद्ध' के बाद इसकी शुरुआत
देश की राजधानी दिल्ली में प्रकृति के प्रकोप काल की शुरुआत हो चुकी है। इन विशेष दिनों में आप साक्षात महसूस करेंगे..मानों प्रकृति आपको सख्ती से एहसास करवा रही हो..वो आपसे नाराज है..आपने किन नकारा नेताओं, अधिकारियों को देश की व्यवस्था संभालने का जिम्मा दे रखा है..सोचिए..समझिए..घर में बैठकर...