हम अक्सर अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी मे इतने व्यस्त हो जाते है कि अपने हेल्थ पर ध्यान ही नहीं देते। लोग फिजिकल हेल्थ पर तो फिर भी ध्यान दे देते हैं, पर मेंटल हैल्थ पर बिल्कुल फोकस नहीं करते, जिसका नतीजा होता है तनाव, स्ट्रेस, डिप्रेशन, पर्सनालिटी डिसऑर्डर,रिलेशनशिप प्रोब्लम, एडिक्शन आदि। जो हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी को बुरी तरह से प्रभावित करता है। ज़्यादातर लोग awareness की कमी और शर्म की वजह से अकेले ही इन समस्याओं का सामना करते रहते है और suffer करते हैं। वे अपने आपको इतना बेबस और helpless महसूस करते हैं कि मानसिक समस्या को अपनी ज़िंदगी का पार्ट मान लेते हैं और परेशान होते रहते हैं।
बड़ी बात ये है कि ऐसे मे इंसान सिर्फ खुद ही परेशान नहीं रहता बल्कि उसके परिवार वाले भी इसका हिस्सा बन जाते हैं। इस तरह निराशा का दायरा काफी बढ़ जाता है।
कैसे हम मानसिक समस्याओं का समाधान पा सकते हैं?
जब भी हम किसी mental health issue का सामना करते हैं तो यह हमारी सोचने समझने की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित करता है। कई बार हमारा खुद का और दूसरे लोगों के प्रति सोचने का नजरिया मानसिक समस्या पैदा करता है। ऐसे में हम खुद की भावनाओं, व्यवहार और समाधान को समझने में ठीक से सक्षम नहीं हो पाते और समस्या के इस जाल मे फंस जाते है।
ऐसे में Counseling आपकी सहायता करती है। काउन्सलिंग के जरिये counsellor या psychologist आपकी समस्याओं को अच्छे से समझते हैं, इसका कारण पहचानते हैं और फिर आपके साथ मिलकर समस्या को जड़ से मिटाने मे आपकी मदद करते हैं। साथ ही आपको इतना सक्षम बनाते हैं कि भविष्य मे अगर आप किसी समस्या का सामना करे तो खुद की इसका निवारण कर सकें और खुश रह पायें।
मेंटल हैल्थ से जुड़ी बहुत सारी समस्याओं को सिर्फ साइकोलॉजिकल काउन्सलिंग से ही ठीक किया जा सकता है। लेकिन समस्या अगर ज्यादा हो जाती है या समय पर साइकोलॉजिकल काउन्सलिंग न मिले तो काउन्सेलिंग के साथ साथ दवाइयों का भी सहारा लेना पड़ता है।
आइये जानते है साइकोलॉजिकल काउन्सलिंग क्या है? एक मनोवैज्ञानिक या काउन्सलर मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में कैसे आपकी मदद करता है?
काउन्सलिंग क्या है – What is Counselling In Hindi
दरअसल बहुत से लोग सोचते हैं कि काउन्सलिंग का मतलब राय देना या सलाह देना है। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नही है। Counseling या मनोवैज्ञानिक परामर्श लोगों को उनकी कठनाइयों से निकालने, अपने व्यक्तिगत विकास और निजी समस्याओ को सुलझाने के लिए की जाती है। जिसमे काउन्सलर व्यक्ति या क्लाईंट की बात को सुनता है और दोनों साथ मिल कर उसे इस समस्या से बाहर निकालने के लिए रास्ता खोजते हैं। यह इस तरीके होता है कि काउन्सलिंग मे क्लाईंट के साथ मिल कर बातचीत के जरिये उसके लिए एक ऐसा परिवेश बनाया जाता है कि व्यक्ति स्वयं ही उस समस्या से बाहर आने लगता है। ये एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपको आत्मनिर्भर बनाती है।
आमतौर पर काउन्सलिंग के सेशन होते हैं। एक सेशन 50 मिनट से 60 मिनट के बीच हो सकता है। जिसमे व्यक्ति अपनी समस्या काउन्सलर को बताता है और उन दोनों कि बातचीत उन दोनों के बीच ही रहती है। कोई तीसरा व्यक्ति उन दोनों कि बातों को न सुने या जाने इस बात का खास ख़याल रखा जाता है। इसके अलावा ग्रुप काउन्सलिंग, रिलेशनशिप काउन्सलिंग, पेरेंट्स काउन्सलिंग और कैरियर काउन्सलिंग भी साइकोलॉजिकल काउन्सलिंग का ही हिस्सा है।
आजकल Counseling Online माध्यम द्वारा भी की जाती है। जिसमे व्यक्ति फोन कॉल, चैट और विडियो कॉल द्वारा काउन्सलर से बात कर सकता है। यह आपको काफी सुविधा प्रदान करती है। आप अपने घर से ही comfortably counselor से बात कर सकते हैं और अपनी समस्या को सुलझा सकते हैं। साथ ही इसकी session fee भी काफी कम होती है। यह आपके लिए एक बेहतर विकल्प है।
साइकोलॉजिकल काउन्सलर कौन होता है – Counselor in hindi
जब व्यक्ति को परिवार और दोस्तों से बात करने के बाद अपनी समस्या का समाधान नही मिलता या फिर अपनी समस्या को परिवार और दोस्तों को नही बताना चाहता तो ऐसे मे वह Counselor का सहारा ले सकता है। यह काउन्सलर व्यक्ति की निजी ज़िंदगी की चिंताओ को सुलझाने, भय, घबराहट, अवसाद, उदासी आदि समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रशिक्षित होता है।
हर व्यक्ति का समस्याओ से निपटने का एक अलग तरीका हो सकता है। जब वो कही फंस जाता है तो उस तरीके को बदलने की जरूरत होती है और इस तरीके को बदलने का काम एक साइकोलॉजिकल काउन्सलर करता है। वह पहले आपकी बात को एक श्रोता की तरह सुनता है, उसका अंकलन करता है और फिर समस्या से निकालने के लिए रणनीति बनाने मे आपकी मदद करता है। और ये जिंदगी के कई पहलुओं पर आपकी मदद कर सकते हैं जैसे:-
- संबंधों में आए संकट को संभालने में
- तनाव और और अन्य दबावों के प्रबंधन में
- भय, घबराहट और चिंता को दूर करने में
- पारिवारिक समस्याओ से निपटने में
- कठिन निर्णय लेने में
- अवसाद और उदासी को तोड़ने में
ये सब चीजें सीधे तौर पर हमारे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हैं। इन सभी समस्याओं की सही समय पर काउन्सलिंग न की जाए तो व्यक्ति मानसिक रोगी बन सकता है।
कहां से लें ऑनलाइन काउन्सलिंग ? Best Online Counseling in India
Online Counseling के लिए आप manochikitsa.com पर जा सकते है. यहां पर आपको professionally trained साइकोलॉजिकल काउन्सलर और clinical psychologist मिल जाते हैं।
इसके अलावा इनकी सर्विस की कुछ बातें हैं जो इन्हें दूसरों से अलग बनाती हैं जैसे-
कम fees मे अच्छी सर्विस:- Manochikitsa Online Counseling काफी कम session fee में आपको ऑनलाइन काउन्सेलिंग सेशन देती है। ये एक फोन कॉल सेशन के लिए 399 रुपए और विडियो कॉल सेशन के लिए 499 रुपए लेते हैं। अगर बाकियों को देखा जाए तो 800 से 2000 रुपए चार्ज किया जाता है।
सेशन टाइम:– यह सेशन टाइम की कोई limit नहीं है। किसी भी प्रकार से कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं लिया जाता।
क्लिनिकल साइकोलोजिस्ट:– Manochikitsa पर अनुभवी क्लिनिकल साइकोलोजिस्ट मिल जाते हैं, जो clinically trained एक्स्पर्ट्स होते हैं।
भाषा – आप अपनी preferred language में counselling ले सकते हैं। जिसमे हिन्दी, इंग्लिश, बंगाली, मराठी, तेलगु, तमिल, मलयालम, पंजाबी शामिल है।
कस्टमर सपोर्ट:- Manochikitsa: Online Counseling service का कस्टमर केयर बहुत अच्छा है। आप उनसे उनकी सर्विस के संबंध मे कोई भी सवाल कर सकते हैं।
Psychiatrist सर्विस:– Psychiatrist की जरूरत पढ़ने पर उनके साथ भी ऑनलाइन और ऑफलाइन अप्वाएंटमेंट बुक हो जाती है।
100% गोपनियता:– यहां पर आपकी काउन्सलिंग की गोपनियता का पूरा खयाल रखा जाता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन:– आप फोन कॉल, चैट और विडियो कॉल अप्वाएंटमेंट बुक कर सकते हैं, और दिल्ली के लिए ऑफलाइन अप्वाएंटमेंट की सुविधा भी उपलब्ध है।
मनोचिकित्सा पर अप्वाएंटमेंट बुक करने या कस्टमर सपोर्ट से संबन्धित सवालों के लिए आप इनके हेल्पलाइन नंबर +91 807-6299-405 पर कॉल कर अधिक जानकारी ले सकते हैं।