गणतंत्र दिवस की पावनता को तार तार करने, दिल्ली के कोने कोने में कूड़े के ढ़ेर इकट्ठा करने, सारा वातारण दूषित करने, लोकतंत्र के महापर्व के बीत जाने के बाद आखिरकार 27 जनवरी को बीजेपी शासित एमसीडी जागती नजर आई। नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश ने उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। लंबे समय लंबित निगम कर्मचारियों की मांगों पर गहन चिंतन मंथन का दौर चला।
एफआर-17 कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना. लेफ्ट आउट केस, अनुकम्पा के आधार पर पदोन्नती आदि मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान निकालने पर बात हुई। बकायद एक कारगर रूपरेखा के तहत आगे संबंधित विषयों पर काम करने की योजना बनाई गई।
इसके साथ ही बड़ी राहत की खबर सैलरी को लेकर आई। नॉर्थ एमसीडी के कर्मचारियों की सैलरी के तौर पर 516.67 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए। इसकी घोषणा करते हुए मेयर जय प्रकाश ने बताया कि सामर्थ्य के अनुसार अधिकतम वेतन की व्यवस्था निगम की तरफ से की गई है। सफाई कर्मियों को अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर, यानी तीन महीने का वेतन दिया गया है। अध्यापकों का अगस्त और सितंबर मिलाकर दो महीने का वेतन जारी किया गया है। डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का भी वेतन रिलीज किया गया है। इसके अलावा सी और डी ग्रुप के निगम कर्मियों को सितंबर का वेतन दे दिया गया है। ए और बी ग्रुप के कर्मचारियों को भी सितंबर तक की सैलरी मिली।
मेयर की तरफ से निगम कर्मियों को उनकी बकाया सैलरी जल्द ही देने का आश्वासन दिया गया है। साथ ही अनुरोध किया गया है कि वे अपने काम पर वापस लौटें।
पंद्रह सालों के दौरान पूरी तरह अपना विश्वास खो चुके एमसीडी नेतृत्व की बात मान कर निगम कर्मचारी अपनी हड़ताल खत्म करते है या नहीं इस बात का इंतजार दिल्ली की पूरी जनता को है।