पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या ने दिल्ली वालों को परेशान कर दिया है। एक तरफ तो रोजी रोटी कमाने का दबाव उन्हें घर से बाहर निकलने को बाध्य कर रहा है तो उसी बीच कोरोना के बढ़ते केस तनाव की वजह बन रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दिल्ली को संबोधित करते हुए अपना वीडियो संदेश जारी किया। कहना गलत नहीं होगा कि उनका ये संदेश काफी राहत देने वाला रहा। उन्होंने भरोसा दिलाते हुआ कहा कि आंकड़ों से डरने की कोई जरूरत नहीं। दरअसल टेस्टिंग बढ़ाने की वजह से आंकड़े बढ़ रहे हैं। एक तरह से कहा जाए कि कोरोना वायरस पर हमला तेज कर दिया गया है। जिससे जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आने लगेंगे। इसीलिए दिल्ली वालों को इन बढ़ते आंकड़ों से डरना नहीं है।
पिछले दिनों ही दिल्ली सरकार ने टेस्टिंग बढ़ाने का निर्णय लिया था। जिस पर जम कर सियासत भी हुई थी। लेकिन गनीमत है कि ये लंबा नहीं खींचा और आज की तारीख में टेस्टिंग डबल हो गई। पहले जहां 20 हजार टेस्ट हो रहे थे, अब बढ़ कर 40 हजार टेस्ट रोजाना दिल्ली में किए जा रहे हैं। एक बार फिर दिल्ली सरकार कोरोना जंग में नई स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है। जगह जगह पर तत्काल टेस्टिंग के लिए कैम्प लगाए जा रहे हैं। यहां तक कि साप्ताहिक बाजारों में भी टेस्टिंग कैंप लग रहे हैं। जहां कोई भी आसानी से अपनी कोरोना टेस्टिंग करवा सकता है। तुरंत ही रिपोर्ट भी आ जाती है।
सबसे बड़ी राहत की बात है कि कोरोना केस के बढ़ते आंकड़ो के बावजूद मौत के आंकड़े नहीं बढ़ रहे हैं। जून में भी कोरोना के मामले इसी तरह 3 हजार के करीब आ गए थे। लेकिन उस वक्त मौत 40 से 45 के करीब होती थी। जबकि इस समय केस 25 से 30 सौ का आंकड़ा टच कर रहे हैं लेकिन मौत 10 से 15 के करीब ही हो रही है। दिल्ली में 15 अगस्त के बाद मौत का प्रतिशत केवल एक है। यानी 100 कोरोना मरीजों में से एक की मौत हुई है। इसकी वजह केजरीवाल दिल्ली सरकार के एलर्ट अप्रोच को मानते हैं। हर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों पर फोकस बढ़ा कर रखा गया। मरीज की सेहत बिगड़ने नहीं दी गई। इसके लिए उन्होंने डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। इसी एलर्टनेस की वजह से कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या भी दिल्ली में सबसे ज्यादा है। अब तक 87 प्रतिशत लोग ठीक हुए। जबकि देश में ये दर 77 प्रतिशत है।
जहां तक अस्पतालों में बेड की उपलब्धता का सवाल है, मुख्यमंत्री ने दिल्ली वालों को आश्वस्त किया है कि इसकी कोई कमी नहीं है। कुल 14 हजार बेड हैं। फिलहाल केवल 5 हजार बेड पर ही मरीज हैं। इसमें से 16 – 17 सौ मरीज दिल्ली के बाहर के हैं। इसका मतलब है कि दिल्ली के करीब 3 हजार मरीज ही आज की तारीख में अस्पतालों में हैं। यही आंकड़ा कमोबेश पिछले दो तीन महीने से बना हुआ है।
दिल्ली वालों को भरोसा दिलाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनसे आग्रह किया कि किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। मास्क लगा कर ही घरों से बाहर निकलें। सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहें। साथ ही टेस्टिंग करवाने से पीछे नहीं हटने की बात कही। आमतौर पर देखा गया है कि लोग कोरोना टेस्ट को लेकर सकारात्मक रवैया नहीं रखते, तबीयत खराब होने के बावजूद टेस्ट करवाना नहीं चाहते। ये उनके साथ साथ दिल्ली की सेहत के लिए ठीक नहीं है।