स्वतंत्रता दिवस को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विशेष रूप से संवाद दिवस के रूप में मनाया। सबसे पहले पूरी दिल्ली के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने शहीदों की याद दिलाई और उनके त्याग की चर्चा की। पिछले 73 सालों में देश की आजादी को बरकरार रखने के लिए सीमाओं पर कुर्बानी देते आ रहे हैं सुरक्षा बल के जवानों को याद किया। उन्हें नमन किया। साथ ही प्रतिज्ञा करने को कहा कि ऐसे भारत के निर्माण की दिशा में काम करें जिसका सपना आजादी के दीवानों ने देखा।
पिछले दो महीनों में दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जो सफलता मिली उसके लिए सीएम नें केन्द्र सरकार, कोरोना वारियर्स और विभन्न संगठनों के प्रति आभार व्यक्त किया। दिल्ली में आइसोलेशन और प्लाज्मा थेरेपी को लेकर जो मॉडल प्रयोग में लाया गया उसे देश में अपनाया जा रहा है। अब दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं।
विशेष रूप से स्कूल खोले जाने को लेकर सीएम ने कहा कि उन्हें भी स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता है। जब तक पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो जाते स्कूल नहीं खोले जाएंगे।
इसके बाद शाम चार बजे सीएम केजरीवाल ने देश भर के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। कोरोना की लड़ाई में दिल्ली सरकार के द्वारा किए गए प्रयासों की चर्चा की। देश भर में गांवों की तरफ फैलते कोरोना वायरस को लेकर केजरीवाल ने विशेष चिंता जाहिर की। जहां कि स्वास्थ्य सेवाओं का जबरदस्त अभाव है। ऐसी स्थिति में होमआइसोलेशन के महत्व को समझाया। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से आगे बढ़कर अपने गांवों की जिम्मेदारी लेने का आह्वाहन किया। उनसे अपील की कि अपने अपने गांवों में ऑक्सीजन जांच केन्द्र शुरू करने के लिए आगे आएं। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ऑक्सीमीटर पहुंचाने का काम करें। पार्टी की तरफ से इच्छुक लोगों को पूरी ट्रेनिंग और आवश्यक चीजें मुहैया करवाई जाएंगी। साथ ही उन्होंने अपने चाहने वालों से कहा कि 16 अगस्त को उनका जन्मदिन है, उस दिन उनके आवास पर न आएं। अपने अपने घरों से ही अपना आर्शीवाद भेजें। उन्होंने गिफ्ट की मांग रखते हुए कहा कि जो लोग भी उन्हें कुछ देना चाहते हैं वे ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीमीटर का दान करें ताकि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों तक इसे पहुंचाया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी सरकारें अपने अपने स्तर पर अच्छा काम कर रही हैं। सरकारों को सहयोग देने की मंशा से काम करना है। क्योंकि कोरोना एक ऐसी बीमारी है जिसका मुकाबला सब मिल कर ही कर सकते हैं।