सीसीएन डेस्क
सीबीएसई के 12 वीं क्लास के नतीजों पर आधारित सरकारी स्कूलों के आंकड़े साफ साफ बता रहे हैं कि अपने छठे साल में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने शानदार परफॉर्मेंस दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री के साथ साथ शिक्षामंत्री बने मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की कमान संभालने के साथ ही सूबे की शिक्षा नीति पर विशेष ध्यान दिया। सरकारी स्कूलों की कायाकल्प के संकल्प के साथ आगे बढ़े। नतीजे आज सबके सामने हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने निजी स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 98 प्रतिशत रहा तो वही प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट 92 प्रतिशत ही रहा। दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। दिल्ली सरकार के प्रतिभा विद्यालयों में परिणाम 99.92 प्रतिशत रहा है। 916 सरकारी स्कूलों में 897 स्कूलों के 90 फीसदी छात्र इस बार बारहवीं की परीक्षा में पास हुए। इस बार 396 स्कूलों का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। जबकि पिछली बार ये आंकड़ा 203 था। इस बार सांध्य स्कूलों के रिजल्ट भी काफी उत्साहवर्धक रहे। पिछली बार 89.67 प्रतिशत तक सिमटा परीक्षा परिणाम इस बार 96.59 प्रतिशत तक पहुंचा। कुल मिला कर देखा जाए तो पिछले तीन सालों में दिल्ली शिक्षा के गुणवत्ता सूचकांक में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। 2018 में ये आंकड़ा 291 था, तो 2019 में यह बढ़ कर 306 तक पहुंचा, इस बार की बढ़ोतरी 341 दर्ज हुई।
मंगलवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने इन आंकड़ों के माध्यम से देश की जनता को अपनी जबरदस्त शिक्षा नीति का आभास करवाया।