कार स्नैचिंग तो कहीं हथियारों की फैक्ट्री
अपराध की दो घटनाएं सीधे तौर पर बता रही हैं..देश की राजधानी दिल्ली में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद है? बदमाशों में वर्दी का खौफ बिल्कुल भी नहीं रह गया है। नॉर्थ दिल्ली से लेकर साउथ दिल्ली तक एक जैसे हालात हैं।
पहली घटना साउथ दिल्ली के बहुत ही पॉश इलाका कहे जाने वाले वसंत कुंज के पास की है। जहां रात के 11 बजे के करीब एक टैक्सी ड्राइवर से बदमाश उसकी टैक्सी छीन कर भाग गए। जब ड्राइवर ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने उसे जमकर पीटा। जब बदमाश टैक्सी लेकर भागने लगे तो ड्राइवर गाड़ी छोड़ने को तैयार नहीं था। नतीजतन बदमाश उसे करीब 200 मीटर तक सड़क पर घसीटते रहे। इस दौरान उसके सिर पर गंभीर चोट आई। जब ड्राइवर ने बेसुध होकर गाड़ी छोड़ दी, बदमाश गाड़ी लेकर फरार हो गए। ड्राइवर जख्मी हालत में सड़क पर पड़ा रहा। सूचना मिलने पुलिस मौके पर पहुंची। बुरी तरह से जख्मी ड्र्राइवर को अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दिल्ली के एक बेहद खास माने जाने वाले इलाके में बेखौफ बदमाश टैक्सी चालक को बीच सड़क पर 200 मीटर तक घसीटते रहे। घटना का दर्दनाक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है..कैसे बदमाश गाड़ी को तेज रफ्तार में भगा रहे हैं, कार का ड्राइवर गाड़ी से लटका हुआ है। पीछे किसी कार में बैठे शख्स ने अपने फोन से वीडियो रिकॉर्ड किया। सोशल मीडिया पर घटना का वायरल वीडियो लोगों में खौफ पैदा कर रहा है। देश की राजधानी दिल्ली की इस घटना को देखकर लोग हैरान, परेशान हो रहे हैं। दिल्ली में ऐसा कैसे हो सकता है? लगता ही नहीं बदमाशों के अंदर रत्ती भर भी कानून-व्यवस्था का डर रह गया है।
आप सोच कर देखिए..इस टैक्सी वाले की जगह कोई भी आम दिल्ली वाला हो सकता है। किसी की भी कार को कहीं भी कोई भी बदमाश छीनकर भाग सकता है। साउथ दिल्ली में ऐसा हो सकता है तो कहीं भी सीमावर्ती इलाके में बदमाश इस तरह के अपराध को अंजाम दे सकते हैं।
दूसरी घटना नॉर्थ दिल्ली के लोनी इलाके की है..जहां से कुछ अवैध हथियार नहीं..अवैध हथियारों की पूरी फैक्ट्री पकड़ी गई है। सोचिए ये बिहार, पश्चिम बंगाल के किसी दूर-दराज के इलाके का मसला नहीं है..ये राष्ट्रीय राजधआनी क्षेत्र का मामला है। लोनी की दूरी दिल्ली विधानसभा से महज 10 किलोमीटर के करीब होगी। उत्तर प्रदेश की सीमा पर दोनों तरफ फैला ये इलाका बदमाशों का गढ़ रहा है।
ललित नाम के जिस अपराधी को दिल्ली पुलिस ने हथियारों की फैक्ट्री चलाने के आरोप में पकड़ा में वो खुद ही बता रहा है कि साल 2013 में वो हथियार तस्कर दीपक यादव के संपर्क में आया था। साल 2019 में यूपी पुलिस ने उसकी हथियार फैक्ट्री पर छापा मारा, जब वो जेल से छूटा तो लोनी इलाके में फैक्ट्री बना ली।
बाहरी दिखावे के लिए ललित वेल्डिंग का काम करता था। लोहे के खिड़की, दरवाजे, प्लेट वगैरह बनाया करता था। वेल्डिंग के धंधे की आड़ में वो हथियारों की फैक्टरी चलाता था। पुलिस ने उसकी फैक्टरी से कार्बाइन, 5 पिस्टल, 75 कारतूस बरामद किए हैं।
लोनी इलाके में अवैध हथियारों की फैक्ट्री चल रही है इसकी भनक लोकल पुलिस को नहीं लगी। लोकल थाना, बीट, लोकल इंटेलिजेंस की सारी व्यवस्था फेल रही। इसका पता तब चला जब नारकोटिक्स स्क्वाड ने 4 अक्टूबर को मजनूं का टीला इलाके से प्रदीप कासनी गिरोह के बदमाश बिंटू को गिरफ्तार किया। उसके पास से 33 पिस्टल, 229 कारतूस बरामद हुए। पुलिस को पता चला कि बिंटू ललित से हथियार लेकर आया था। जिसके बाद ललित दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा, अवैध हथियारों की फैक्टरी का भंडाफोड़ हुआ।
ये दोनों ही घटनाएं बताने के लिए काफी है..दिल्ली में अपराधियों के दिलों-दिमाग से कानून का डर खत्म हो गया है। कोई खुलेआम लोगों की कार छीनकर भाग जा रहा है, कोई राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अवैध हथियारों की फैक्ट्री चला रहा है।