दिल्ली की जनता के बीच पहुंच रहे हैं दोनों ही मुख्य सियासी दल। आम आदमी पार्टी हो या बीजेपी दोनों ही अपना-अपना पक्ष जनता के सामने रख रहे हैं। एक तरफ आप पार्टी का कहना है कि एमसीडी में 2500 करोड़ रुपए का भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसी वजह से निगम कर्मचारियों को सैलरी की दिक्कत हो रही है। तो वही दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि एमसीडी के 13000 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार ने रोक रखे हैं। जिसकी वजह से ही एमसीडी भारी आर्थिक तंगी से गुजर रही है।
बीजेपी ने शुक्रवार से पूरी दिल्ली में हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की। जिसके तहत जनता को समझाने की कोशिश की जा रही है कि दिल्ली सरकार के पैसे नहीं देने की वजह से निगम के तमाम तरह के काम प्रभावित हो रहे हैं। निगम के सफाईकर्मी, शिक्षक, डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सैलरी समय पर नहीं मिलने की वजह से सभी बाध्य होकर हड़ताल कर रहे हैं। जाहिर इससे दिल्ली की आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पर रहा है। लोगों तक इस बात को पहुंचाने के साथ ही उनका समर्थन हासिल करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।
दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सरोजनी नगर मार्केट में चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लिया। जबकि मजनूं का टीला और पुरानी चंद्रावल में पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने शिरकत की। पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने लगभग 750 जगहों पर हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने निगम की बदहाली के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है तब से निगमों के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है। निगमों को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। भ्रष्टाचार के मनगढ़ंत आरोप लगा रही है। सभी योजना प्रमुख फंडों में कटौती कर निगम द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों को बाधित किया जा रहा है। दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के बावजूद दिल्ली सरकार निगम के हिस्से का फंड रिलीज नहीं कर रही है। इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिल्ली सरकार ने आवंटित धन का 30 प्रतिशत भी नहीं दिया है। इसी वजह से निगम की वित्तीय स्थिति बेहद खराब हो गई है। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। वे हड़ताल कर रहे हैं।
वही दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी दिल्ली में जगह-जगह मोहल्ला सभा का आयोजन कर जनता को बता रही है कि भाजपा शासित एमसीडी ने कॉमनवेल्थ घोटाले से भी बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया है। 2500 करोड़ रुपए का ये दिल्ली के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। जो पैसा सफाई कर्मचारी, डॉक्टर्स, शिक्षकों को मिलना था एमसीडी में बैठे भाजपा के भ्रष्ट नेताओं ने हड़प लिया है। तभी निगम में वेतन का संकट गहराया है। नतीजतन दिल्ली वालों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
दोनों ही सियासी पार्टियों के अपने-अपने तर्क हैं। सारी बात जनता तक पहुंचायी जा रही है। लेकिन जनता जानती है कि असली लड़ाई निगम चुनाव को लेकर ही है, जिसमें अभी वक्त है। आसार तो ऐसे ही लग रहे हैं कि तब तक दिल्ली को बदहाली झेलनी ही होगी। महामारी के दौर में ये बेहद दुखद है।