अभी अभी की बात है दिल्ली सरकार लोगों के घर तक राशन पहुंचाने के लिए संघर्षरत दिख रही थी। केंद्र सरकार से सीधी टक्कर ले रही थी। ऐसा लगने लगा था कि अगर देश में गरीबों की सबसे बड़ी हितैषी कोई है तो वो सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार है। लेकिन अगस्त में...
मध्यम वर्ग का महत्व समझिए
अफगानिस्तान की अस्थिरता की सबसे बड़ी वजह है वहां की सामाजिक संरचना में मध्यम वर्ग की बेहद सीमित और कमजोर उपस्थिति। वहां या तो उपर वाला बहुत धनी तबका है या फिर नीचे मेहनत मजदूरी करने वाले लोग। बीच में मध्यम वर्ग की मौजूदगी नगण्य सी है। धनी लोगों...
एक किसान सरकार का विरोध करे तो अच्छा..वो खालिस्तान समर्थकों से पैसे लेकर फाइव स्टार फैसिलिटी वाला लेकर आंदोलन चलाए..सब जायज है। गणतंत्र के पावन उत्सव वाले दिन देश के गौरव..लालकिला पर तिरंगे को अपमानित करता है..वो ठीक है...लेकिन उसी किसान समाज का ही एक किसान सरकार के समर्थन में कुछ कहे तो गलत है..वो मूर्ख है..उसके...
सीनियर सिटीजनंस की भी सोचे सरकार !
यदि कोई समस्या स्थानीय निवासियों की परेशानी बढ़ा रही है तो आप कैसे उसे सिर्फ ये कह कर नजरअंदाज कर सकते हैं कि ये हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं आता? सरकारी अधिकारी ऐसा कहें तो बात फिर भी समझ में आती है, लेकिन जन प्रतिनिधियों के मुंह से...
सिविल लाइंस इलाके की ये सड़क सालों से बदहाल स्थिति में है.. बारिश के बाद तो हालत और भी बुरे हो जाते हैं..गड्ढे गहरे हो जाते हैं..गाड़ी चलाने में काफी परेशानी होती है.. इलाके के लोग इस सड़क को ठीक करवाने की फरियाद लेकर निगम पार्षद पूजा मदान, जिनकी पहली जिम्मेदारी बनती है, सांसद मनोज तिवारी, विधायक...
माना कि आप शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का पुराने एनजीओ के समय का अनुभव इस दिशा में अच्छे परिणाम भी ला रहा है। लेकिन नहीं भूलना चाहिए कि अब आप एक राजनैतिक पार्टी हैं जो सत्ता में आती ही इसलिए है कि जनता की...
समझ में नहीं आ रहा कि स्थापित संवैधानिक व्यवस्था के तहत सरकार कानून बनाए जा रही है, लेकिन समाज के जिस तबके के लिए बना रही है वो तबका उसे मान ही नहीं रहा है। या कहें कि सरकार उस नियम कानून का पालन समाज के उस वर्ग विशेष से करवा ही नहीं पा रही है। ये...
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है। बताया जा रहा है कि 6 से 8 हफ्ते के बाद कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इसे लेकर सरकारें अपनी तैयारियों के बारे में बता रही हैं। लेकिन कोरोना के अभी तक के अनुभव, विशेषकर दूसरी लहर के दौरान हम सब सरकारी व्यवस्था को...
इसी देश के थे, ज्यादातर देश के सबसे बड़े, प्रधान पद पर पहला दावा ठोकने वाले सूबे के थे जो कोरोना की दूसरी लहर का सामना नहीं कर सके, जान गंवा दिए, गंगा में बहा दिए गए, नदी किनारे पर बस यूं हीं दफना दिए गए। सही शब्दों में कहा जाए तो सूबे का सरकारी सिस्टम जिन्हें...
बदलते मौसम के साथ मच्छर से होने वाली बिमारियों का खतरा बढ़ रहा है। यूं तो बाजार में मच्छर मारने वाली कई दवाईयां उपलब्ध हैं लेकिन उनकी महक व स्पर्श से स्वास्थ्य संबंधि खतरा बना रहता है। मच्छरों से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, आदि कई बीमारियां फैलती हैं। क्यों ने इनसे लड़ने के लिए हम घर में मौजूद...