वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया। इस बजट को लेकर दिल्ली के नेताओं की क्या प्रतिक्रिया रही ये जानते हैं।
सबसे पहले बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की। उन्होंने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये बजट देश की चंद बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाला बजट...
दिल्ली रोई थी, देखा सबने, किसानों के वेश में आए उपद्रवियों ने शहर की आबरू तार तार कर दी, सब इसके गवाह बने। दिल्ली पुलिस के रूप में इसके रक्षक पीटे गए, उनके जख्म अभी ताजा हैं। हुआ भी ये सब तब, जब देश गणतंत्र दिवस मना रहा था। समझ नहीं पा रहे लोग कि ये दिन...
पंडित चरनजीत
सभी व्यक्ति की जीवन में चाह होती है कि मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होने के बाद अपना खुद का वाहन भी होना चाहिए। सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं जैसे बस, ऑटोरिक्शा घर से कुछ दूरी पर जा कर थोड़े बहुत इन्तजार के पश्चात ही मिल पाती हैं। अपना वाहन हो तो घर से बाहर निकल...
इजरायली दूतावास के पास ब्लास्ट की खबर जैसे ही फैली, पहले तो हर दिल्ली वाले की सांस अटक गई। लेकिन जब पता चला कि कोई भी इस धमाके की चपेट में नहीं आया है। किसी तरह के जान माल की खबर नहीं है। फिर क्या था लोगों ने इस बार अपने दर्द पर हंसना ही सही समझा।...
कभी पगड़ी, कभी पजामा, तो कभी भगवा भरमा रही !
आंदोलन में कितना तत्व किसान था ये तो अब समय के साथ सामने आएगा। लेकिन बाकि जो कुछ भी था, जिसकी बुनियाद पर इस आंदोलन को खड़ा किया गया था, उसकी जीत का जश्न तो देश दुनिया में मनाया जा रहा है। क्योंकि उस...
गणतंत्र दिवस की पावनता को तार तार करने, दिल्ली के कोने कोने में कूड़े के ढ़ेर इकट्ठा करने, सारा वातारण दूषित करने, लोकतंत्र के महापर्व के बीत जाने के बाद आखिरकार 27 जनवरी को बीजेपी शासित एमसीडी जागती नजर आई। नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश ने उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। लंबे समय लंबित निगम...
गणतंत्र दिवस के दिन की सबसे गंदी तस्वीर। लाल किले की प्राचीर पर झंडा लगाने के लिए चढ़े शख्स को जैसे ही कोई नीचे से तिरंगा पकड़ाता है, वो उसे बहुत ही अपमानजनक तरीके से फेंक देता है। भला इस तस्वीर को देख कर कोई भारतीय कैसे नहीं आक्रोशित होगा। तमाम तरह की दलीलें..दिमाग भन्ना सा गया...
गणतंत्र दिवस के पावन मौके पर बदबू और बदमिजाजी से संक्रमित दिल्ली में सभी का स्वागत है!
समय निकाल कर इस लोकतंत्र के महापर्व पर दिल्ली दर्शन के लिए जरूर आइए। तभी देख पाएंगे और समझ पाएंगे कि संविधान स्वीकारने के सत्तर सालों के बाद मौजूदा गणतांत्रिक व्यवस्था में जो कुछ दिल्ली में आज...
नागरिकों ने संभाला सफाई का मोर्चा
लाखों का टैक्स सरकार को देते हैं, बदले में अगर सरकारें नागरिकों को झाड़ू उठाने पर मजबूर कर दे तो सवाल तो उठेंगे ही दिल्ली की मौजूदा सियासत पर। पता नहीं किसको कितने पैसे देने हैं, किसको किससे कितने पैसे लेने हैं। आम नागरिक को इससे कोई...
पंडित चरनजीत
जीव की तीन अवस्थाएं मानी गई हैं, जाग्रत, सुषुप्त और स्वप्न। जब जीवन चेतनावस्था की ओर अथवा अचेतनावस्था की ओर आ रहा होता है। उस समय अनेकानेक प्रकार की कल्पनायें और दृश्य अन्तर्मन में उभरते हैं, उन्हें ही स्वप्न कहा जाता है। शुभ स्वप्न कार्य सिद्धि की सूचना देते हैं, अशुभ स्वप्न...