–पंडित चरनजीत-
नजर दोष वह अदृश्य बाधा है जो कभी भी व्यक्ति को किसी भी समय पीड़ित कर सकती है। न केवल व्यक्ति वरन यह दोष किसी व्यक्ति से जुड़े भौतिक सुख, वस्तु, कार्यक्षेत्र इत्यादि को भी प्रभावित करता है। नजर दोष को किसी व्यक्ति की बुरी नजर भी कहा जा सकता है। जब कोई व्यक्ति या वस्तु नजर दोष के प्रभाव में आ जाता है तो अकारण ही कई प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। व्यक्ति रुग्ण हो जाता है। उसके साथ दुर्घटनाएं होने लगती हैं। यदि किसी वस्तु पर यह दोष लगे तो वह नष्ट होने लगती है।
नजर दोष का मुख्य कारण वर्तमान में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की भावना भी है। हालांकि प्राचीन समय में ही इस समस्या से व्यक्ति का परिचय रहा है। जब नजर लगती है तो कार्य में अनपेक्षित बाधाएं आने लगती हैं। और नुकसान की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसका कोई निश्चित कारण भी नहीं मिल पाता है। यदि बच्चों पर नजर लगे तो उनके स्वास्थ्य में अचानक समस्याएं आने लगती हैं। वे खाना पीना छोड़ देते हैं। उन्हें विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं और अकारण ही लगातार रोते रहते हैं। यह समस्या बच्चों में अधिक देखी जाती है। क्योंकि बच्चा सुन्दर होता है। व्यक्ति को अपनी ओर आकृष्ट करता है। यह मान्यता भी है कि प्रत्येक सुन्दर और श्रेष्ठ वस्तु व व्यक्ति को नजर जल्दी लगती है।
कई लोग नजर दोष को अन्धविश्वास मानते हैं। लेकिन जब स्वयं इस अनुभव से गुजरते हैं तब उन्हें एहसास होता है कि ऐसा अदृश्य बाधाएं वास्तव में होती हैं। जो मनुष्य को नुकसान पहुंचा सकती है। नजर सदैव ईष्या के कारण ही ऐसा नही है। कई बार व्यक्ति के मन में ईष्या न होने पर भी उसकी नजर लग सकती है। अक्सर सुना जाता है कि व्यक्ति विशेष की नजर पत्रिका में ऐसा दोष होते हैं, जो नजर दोष का कारण बन जाते हैं। वहीं व्यक्ति की जन्मपत्रिका से भी परखा जा सकता है कि वह किसी निश्चित समय पर बार – बार नजर दोष का शिकार होगा।
जितना ज्ञान नजर दोष का होना चाहिए उससे भी अधिक महत्वपूर्ण इस दोष से बचने का उपाय जानना आवश्यक होता है। नजर दोष से बचने के कई उपाय वर्तमान में प्रचलन मे हैं। अक्सर अपने प्रतिष्ठनों के आगे नींबू – मिर्च लटकाने और अगले दिन उसे चौराहे पर फेंकते हुए कई व्यक्तियों को देखा होगा यह टोटका अपने प्रतिष्ठानों को नजरदोष से बचाने के लिए ही किया जाता है। इसी प्रकार घर को नजरदोष से बचाने के लिए छत के बाहरी भाग की ओर जूता या टायर लटकाया जाता है। नई कार खरीदते समय उसे नजर से बचाने के लिए पहिए से नींबू को फोड़ा जाता है और कार में नजर से बचाने वाली कौड़ी इत्यादि वस्तुओं को लगाया जाता है। लेकिन जो स्वयं इससे बचने के लिए उपाय नहीं करते वे कई बार नजरदोष के शिकार हो जाते हैं। नजरदोष से बचने के लिए कई तंत्र – मंत्र – यंत्र सम्बंधी उपाय भी किए जाते हैं। ऐसे उपाय होली, दीपावली, विजयादशमी, नवरात्र जैसे पर्वो पर करना होता है।
(ये पंडित चरनजीत के विचार हैं)