#MCD Vs #DJB
दिल्ली में मौसम बेशक ठंडा हो, सियासत की गर्मी कम होने का नाम ही नहीं ले रही। रोज रोज ऑडिट रिपोर्ट के आंकड़े सियासी आग भड़काने काम कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी एमसीडी के ही ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से एमसीडी को ‘महा करप्ट डिपार्टमेंट’ घोषित करने में जुटी है, तो वहीं दिल्ली बीजेपी ने दिल्ली जल बोर्ड की ऑडिट रिपोर्ट को हथियार बना कर हमले तेज कर दिए हैं। बीजेपी डीजेबी को ‘दलाली जल बोर्ड’ साबित करने पर तुली है।
दोनों ही सियासी पार्टियां अपने आक्रमक हमले के लिए बस बातों का सहारा नहीं ले रही हैं। बल्कि दोनों के ही हाथों में विभागों के ऑडिट रिपोर्ट हैं। जाहिर है ये रिपोर्ट उन्हीं के लोगों के सामने तैयार हुए हैं। मतलब एमसीडी में बीजेपी की सत्ता है, उन्हीं को नेतृत्व में बैठे अधिकारियों की तरफ से ऑडिट रिपोर्ट तैयार हुई है। ऐसे में कम से बीजेपी इस रिपोर्ट पर सवाल तो नहीं उठा सकती।
ठीक इसी तरह अगर दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में ही काम कर रहे डीजेबी के अधिकारियों ने ही विभाग की ऑडिट रिपोर्ट तैयार करवाई है। जाहिर है ऐसे में पार्टी इस रिपोर्ट को गलत तो नहीं ही बता सकती।
आम आदमी पार्टी लगातार एमसीडी की भ्रष्ट कार्यशैली से जुड़े खुलासे कर रही है। किस तरह एमसीडी के अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ से कागजों पर सड़कों और नालियों का निर्माण संपन्न हो जाता है, और जनता जमीन पर सड़क और नालियां तलाशती रहती है। बकायदा आंकड़ों के हवाले से अपनी बात को साबित करते हैं आप के नेता।
उसी तरह दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीरवार को दिल्ली जल बोर्ड में जारी भ्रष्टाचार के खेल का खुलासा किया। ऑडिट रिपोर्ट के आंकड़ों के हवाले से उन्होंने बताया कि किस तरह से पिछले छह सालों में दिल्ली जल बोर्ड को 41 हजार करोड़ रुपए का लोन दिल्ली सरकार की तरफ से दिया गया। ये पैसे दिल्ली जल बोर्ड ने कैसे खर्च किया इस पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। तकरीबन 26 हजार करोड़ रुपए के खर्च का ब्यौरा नहीं मिल रहा है। जिसका सीधा मतलब निकाला जा रहा है कि इतने पैसों का घोटाला किया गया।
साथ ही दिल्ली जल बोर्ड के नकारेपन को भी सामने लाने का काम किया है दिल्ली बीजेपी ने। करीब 28.8 प्रतिशत घरों में नल द्वारा पानी नहीं पहुंच पाया है अब तक। मतलब तमाम दावों के बावजूद एक चौथाई दिल्ली में पानी की सप्लाई नहीं हो सकी है। इसी तरह यमुना की सफाई की दिशा में भी ठोस काम नहीं किए गए। जिसकी वजह से आए दिन अमोनिया के बढ़ जाने का खतरा दिल्ली झेलती रहती है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट वरसेज डीजेबी की ऑडिट रिपोर्ट की लड़ाई ने दिल्ली की सियासत को एक नया कलेवर और नया तेवर दे दिया है। जाहिर है इन आंकड़ों के सामने आने से जनता को भी अंदर का खेल समझने में आसानी हो रही है। तय है कि ये ऑडिट रिपोर्ट की तड़का मार सियासत आने वाले समय में देश की सियासत को नई दिशा देने का काम करेगी।