एक बार फिर दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हनुमान मंदिर पहुंचीं. एक बार फिर सीएम के मंदिर पहुंचने की ख़बर सुर्खियां बनीं. लेकिन अफसोस इस बार भी वो ख़बर नहीं आई जिसका इंतजार लंबे वक्त से नॉर्थ और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के हजारों..लाखों लोगों को है.
काश किसी मंगलवार या शनिवार के दिन दिल्ली की मुख्यमंत्री निगम बोध घाट के करीब वाले हनुमान मंदिर जाएं और उन्हें ये अहसास हो जाए..यहां लगने वाला ट्रैफिक जाम किस तरह नॉर्थ दिल्ली या यहां से गुजरने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ी मुसीबत है!
सीएम साहिबा को आम लोगों के उस दर्द का अहसास हो जाए..जो हर मंगलवार और शनिवार को झेलते हैं. मंगलवार को तो बहुत ही बुरा हाल रहता है. सुबह से लेकर देर रात तक इलाके में ट्रैफिक चलता नहीं..रेंगता रहता है. ऑफिस आने-जाने वाले, एंबुलेंस, स्कूलों की वैन, हाई-वे से गुजरने वाले, सब फंसे रहते हैं.
हैरानी होती है ये सब एक दो सालों की बात नहीं..सालों से ऐसा होता आ रहा है. शीला दीक्षित जब सीएम थीं उसी वक्त मंदिर के सामने वाली सड़क डबल लेन बनी थी. सोचिए 10-12 सालों में दिल्ली का ट्रैफिक कितना बढ़ गया. लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं. एलजी, मुख्यमंत्री जैसे वीवीआईपी तो ट्रैफिक मैनेज करवा कर निकल लेते हैं. फंसा रह जाता है आम आदमी.
ये सब तब चल रहा है..जब दिल्ली के मुख्यमंत्रियों में हनुमान भक्त साबित करने की होड़ सी नजर आती है. नई सीएम रेखा गुप्ता भी हर खास मौके पर हनुमान मंदिर जाती हैं. पुराने सीएम अरविंद केजरीवाल भी हनुमान मंदिर जाते रहे. मतलब दिल्ली की राजनीति में हनुमान भक्तों का दबदबा होने के बावजूद सबसे सिद्ध मरघट वाले हनुमान मंदिर कॉरिडोर बनाने पर विचार क्यों नहीं किया जा सकता?