दिल्ली के चांदनी चौक पर हनुमान भक्तों की हरकत पर हनुमान जी भी भरमा गए हैं, आखिर सन्मति दें तो किसको दें? पहले मंदिर तुड़वा देते हैं, फिर उस पर जमकर सियासत करते हैं। आम आदमी पार्टी वालों ने कहा कि बीजेपी शासित एमसीडी ने तुड़वा दिया हनुमान जी का मंदिर। तो बीजेपी वाले कहते हैं कि दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने कोर्ट से मंदिर के तोड़े जाने का आदेश करवाया, हमने तो बस हथौड़ा चलवाया। दिल्ली कांग्रेस भी कहां पीछे रहने वाली थी, फौरन वहां जाकर सड़क पर ही सियासी जागरण करने लगी।
इन सब के आचरण और प्रवचन से न सिर्फ हनुमान जी कन्फ्यूजियाए, दिल्ली की जनता भी कन्फ्यूजिया गई। समझना मुश्किल हो गया कि मंदिर तुड़वाने का दोष किस पर मढ़ा जाए?
कोर्ट के आदेश पर, चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण में बाधा मानते हुए हनुमान जी को विस्थापित कर दिया गया। बुलडोजर चला कर, सड़क किनारे अवैध रूप से बने मंदिर को हटा दिया गया। साथ में लगे तकरीबन सौ साल पुराने पीपल के पेड़ को भी हटा दिया गया। जगह साफ हो गई। आम लोगों को चलने के लिए पर्याप्त जगह निकल आई। अच्छे से चौड़ा फुटपाथ तैयार करवा लिया गया।
हनुमान जी ने भी लोगों को होने वाली सुविधा, चांदनी चौक की सुंदरता का ध्यान रखते हुए, सियासी भक्तों की मजबूरी समझते हुए, माफी का मन बना ही लिया होगा। लेकिन 45- 46 दिनों के बाद ही अचानक उसी जगह रातों-रात मंदिर निर्माण ने सबको चौंका दिया। देश की राजधानी में, शहर के बीचों बीच, लाल किला के सामने के सबसे सुरक्षित इलाके में, कानून की धज्जियां उड़ाते हुए स्टील के तैयार ढ़ांचे के साथ मंदिर के नाम पर कब्जा, तय मानिए हनुमान जी को भी पशोपेश में डाल दिया होगा कि आखिर इस पर रिएक्ट कैसे करें?
इसकी सूचना भी देश की केंद्रीय कमान वाली पार्टी को सबसे पहले मिलती दिखी। क्योंकि सबसे पहले वही वहां पहुंचे और बिना सवाल उठाए बस भक्ति भाव में डूब गए। बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने हनुमान की पहली सियासी पूजा करने में बाजी मार ली। प्रसाद में सियासी फल लेना न भूले। लोगों को याद दिलाया कि मंदिर तोड़ी तो आम आदमी पार्टी वालों ने ही थी। वे झूठे हनुमान भक्त हैं, हम सच्चे हनुमान भक्त हैं। भगवान उनको सन्मति दे।
आम आदमी पार्टी वाले कहां चुप बैठने वाले थे। शनिवार का दिन हनुमान अराधना के लिए वैसे भी खास माना जाता है। फिर क्या था, पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक अपनी पूरी फौज के साथ पहुंच गए, अवैध तरीके से रातोंरात तैयार मंदिर पर, सवाल उठाने नहीं, पूजा करने। हाथों में आरती पात्र और त्रिपुंड लगाए, हनुमान का बड़ा भक्त दिखने में बढ़त लेते हुए। आमतौर पर अपनी शोध के आधार पर पूरे कागजी प्रमाण के साथ बीजेपी की एमसीडी की हवा खराब करने वाले दुर्गेश पाठक एकदम नए अंदाज में दिखे। मीडिया के द्वारा उठाए जा रहे सीधे सवालों को बड़े ही आध्यात्मिक अंदाज में टालते हुए कहा कि हनुमान भक्तों ने फिर मंदिर बनवा दिया है, टेक्नीकल चीजें नहीं पता, वे हनुमान भक्त हैं, देश के सारे संकट हनुमान जी दूर करें इसलिए पूजा करने आ गए, तोड़ने के पीछे जो भी लोग हो, भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे।
चांदनी चौक के सौन्दर्यीकरण को नकारते हुए, जब दिल्ली की सियासत में बड़ा हनुमान भक्त कौन की होड़ लगी हो, दिल्ली कांग्रेस फिर कैसे पीछे रहती? दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल अपने दल के साथ वहां पहुंचे और पूजा अराधना की। न कोई सवाल, न कोई जवाब, बस सोशल मीडिया के माध्यम से तस्वीरें शेयर की, दिल्ली की जनता को बता दिया कि हम भी हनुमान भक्ति में किसी से कम नहीं।
चिंता तो सबको आगामी निगम चुनाव को लेकर ही हैं। किसके नेतृत्व में निगम कैसे काम करेगा, इसकी मिसाल तो दे ही दी गई है।
उधर चिंता तो हनुमान जी की डबल हो गई, जब पता चला कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने मंदिर के अवैध निर्माण की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवा दी है। अब समझ में उन्हें नहीं आ रहा कि देखें तो क्या देखें, न्याय देखें कि भक्त नेताओं का सियासी नाटक?