कोरोना महामारी का सबसे बड़ा सबक अगर किसी देश व राज्य की सरकारों के लिए सामने आया है तो वो है स्वास्थ्य सेवा में अधिकतम सुधार। विशेषकर सरकारी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को बहुत ही आधुनिक और सरल बनाने की जरूरत महसूस की गई। कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक दौर में निजी स्वास्थ्य सेवा ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। बहुत ही कम निजी क्लीनिक और अस्पताल सहयोग दे पा रहे थे। सारी निर्भरता सरकारी सिस्टम पर रही। शुरुआत अच्छी नहीं रही लेकिन समय के साथ काफी सुधार देखने को मिला।
ऐसे में बहुत आवश्यक है कि सभी सरकारें अपने स्वास्थ्य व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा बेहतर बनाने की दिशा में जितनी जल्दी हो सके काम शुरू कर दें। दिल्ली सरकार इस बार फिर बाजी मारती दिखी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश में पहली बार हेल्थ इंफोर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम यानी स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत सारे अस्पतालों को सेंटरलाइज्ड क्लाउड स्टोरेज से कनेक्ट कर दिया जाएगा। जहां हर दिल्ली वालों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध रहेगी। साथ ही इसमें अस्पताल प्रशासन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बजट और योजना, उपलब्ध सुविधाओं से जुड़ी जानकारी भी होगी। नागरिकों को ई-हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। जो इस पूरी व्यवस्था से उन्हें जोड़ने का काम करेगा।
इसकी आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। जिस तरह से सरकारी अस्पतालों में भीड़ बढ़ती जा रही है। लंबा समय मरीजों की हिस्ट्री जानने में लग जाता है। मरीज की हेल्थ हिस्ट्री यानी स्वास्थ्य संबंधी पृष्ठभूमि नहीं पता होने पर गलत इलाज का खतरा भी रहता है। विशेष कर दुर्घटना वाले मामलों या फिर मरीज की स्थिति अचानक गंभीर होने पर अक्सर ऐसा देखा गया है कि इलाज गलत दिशा में चला जाता है। ऐसी परिस्थिति में मरीज के पास यदि ई-हेल्थ कार्ड है तो उसे फौरन सही इलाज मिल सकता है। जाहिर है कि इस व्यवस्था के शुरू होने से न सिर्फ स्वास्थ्य संकट के मौके पर बहुमूल्य समय की बचत होगी बल्कि संबंधित स्वास्थ्य संसाधन भी बचेंगे।
दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि अगले साल अगस्त महीने तक इस योजना को कार्यान्वित कर दिया जाए। इसके साथ ही दिल्ली ऐसा पहला राज्य हो जाएगा जिसके पास क्लाउड आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली होगी। आगे की योजना के तहत इससे निजी अस्पतालों को भी कनेक्ट किया जाएगा। अगर सब सही रहा तो कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली वालों के लिए वरदान साबित होगा हेल्थ इंफोर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (HIMS)।