विश्वकर्मा जयंती, मोदी जी का जन्मदिन और सांसद मनोज तिवारी की सक्रीयता
अचानक इलाके के सियासी और सामाजिक तौर पर सक्रीय लोगों का सोशल मीडिया एकाउंट सासंद मनोज तिवारी की उपस्थिति से रौशन हो गया। अलग अलग जगहों पर ली गई अलग अलग तस्वीरों में कहीं सांसद महोदय लोगों को भोजन का डब्बा..तो कहीं फल..तो कहीं मास्क बांटते नजर आए। हां कहीं कुछ लोगों को फूल देते भी नजर आएं..पता चला कि जन्मदिन के अवसर को भाजपा के नवनियुक्त पदाधिकारियों की पहचान पुख्ता करने में भी किया गया..अपने काम के दम पर पहचान बना पाएं..न पाएं मोदी के नाम पर ही कुछ जयकारे उनके नाम के भी लग जाएं।
खैर..मौका तो पता ही है..एक तो सृष्टि के सृजनकर्ता बाबा विश्वकर्मा की जयंती और दूसरे देश सृजन में रत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन। समझ में यह नहीं आ रहा कि इन तस्वीरों के जरिए आयोजन को सेवा सप्ताह का समारोह माना जाये या नहीं। अचानक से आना और चंद लोगों को फल फ्रूट बांट देना, उनके द्वारा जनता की सेवा हो गई मान लिया जाए। इतनी सी उम्मीद..भाजपा के इतने बड़े आइकन के जन्मदिन के मौके पर तो नहीं हो सकती। मन ही मन इलाके के लोगों को आस तो यही थी कि चलिए सेवा सप्ताह के बहाने ही सही कुछ तो भला काम हो जाएगा। सेवा वाले सप्ताह का कॉन्सेप्ट शायद कुछ विस्तृत और विशेष सेवा के लिए तैयार किया गया होगा। वैसे एक जगह बड़ी मुश्किल से एक पेड़ लगाते दिख रहे हैं सासंद जी।
जगतपुर गांव के लोगों ने लिया सड़क और लाइट का वादा
ऐसा नहीं कि सब ने सूखे सूखे ही छोड़ दिया सांसद जी को। सही मायनों में एक बड़ी सेवा का अवसर दिया है जगतपुर गांव के लोगों ने। वो भी इलाके के आप वाले विधायक से हताश निराश होकर। दरअसल जगतपुर गांव के लोगों ने आपसी सहयोग से एक बेहतरीन पार्क तैयार किया है। सब कुछ अपने खर्चे पर। किसी भी सरकार के बिना किसी सहयोग के। पार्क की खूबसूरती इस बात को साफ बयां करती है कि सामाजिक साझेदारी से किया गया काम कितना सुंदर होता है। लेकिन पार्क के साथ एक पक्की सड़क की कमी काफी दिनों से खल रही थी। आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा की वैसे तो छवि अच्छी है..लेकिन पार्क की उपेक्षा की वजह जल्द ही सामने आ गई। जब कार्यक्रम के संबोधन में बीजेपी के किसी कार्यकर्ता ने उत्साहवश बोला या किसी और वजह से कि गांवों के सभी बूथों पर कमल की गिनती ज्यादा निकली। खैर बात सांसद जी को गुदगुदा गई। आमतौर पर इलाके में बहुत कुछ काम सफलता से न करवा पाने की पीड़ा का ध्यान रखते हुए सांसद महोदय दिल्ली फ्लड विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर कार्यक्रम में पहुंचे थे। उनके नाम की ताली भी पिटवा दी है। बार बार उद्देश्य पूर्ति का आह्वान भी किया। उम्मीद कीजिए..शायद इस बार कोई चमत्कार हो जाए। नहीं तो इलाके के कई काम ऐसे हैं जो दिल्ली सरकार की सेलेक्टीव सियासत और निगम के नकारेपन की वजह से कह लीजिए…या फिर सियासी और प्रशासनिक तिकड़म से काम निकलवा पाने में असफल रहे, सांसद मनोज तिवारी का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर कई बार खुले शब्दों में पब्लिक को आश्वासन देने के बावजूद मुखर्जीनगर विस्तार नेहरूविहार की सड़कों की मरम्मत वे नहीं करवा पाए।
कोई बात नहीं…कहीं किसी का तो भला हो इलाके में। वाकई जगतपुर के लोगों का पार्क के प्रति योगदान सराहनीय है। सांसद ने काफी तारीफ की है। बस दुआ यही है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की आपसी खींचतान का शिकार न बने ये खूबसूरत पार्क। तय है कि सड़क का निर्माण और लाइटों की सजावट इसे इलाके का गौरव बना देगी। गांव के लोगों को उम्मीद है कि देश को बड़े बड़े समाधान देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर किया गया वादा सांसद निभाएंगे जरूर।