मंगलवार को दिनभर बिहार चुनाव हावी रहा। हनुमान का दिन माना जाता है मंगलवार। कहा जाता है कि राम का काम बनाने वाले रहे हैं हनुमान। बिहार की सियासत में जो नई तस्वीर उभरी है। उससे कुछ ऐसा ही संकेत मिलता दिखा कि खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान ने अपने राम यानी मोदी का काम बना दिया।
अब तो तस्वीरें साफ हैं कि नीतीश कुमार का जादू फीका पड़ चुका है। उनकी लोकप्रियता काफी गिरी है। चुनाव के पहले चरण में ही यह साफ दिखने भी लगा था। तभी प्रधानमंत्री मोदी ने कमान संभाली और दमदार एंट्री मारी। उसी वक्त लगने लगा था कि बिहार की बाजी अब मोदी तय करने जा रहे हैं। मिलने वाले परिणामों ने साफ भी कर दिया। बीजेपी को जबरदस्त फायदा मिला। जहां एक ओर नीतीश कुमार के जदयू की सीटें घटी तो वही बीजेपी की सीटों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई। मतलब साफ है कि बिहार में बीजेपी पहली बार बड़ी ही मजबूती से उभरी है।
लंबे संघर्ष और समय के बाद बीजेपी को बिहार की राजनीति में बड़े भाई की भूमिका मिली है। यह चमत्कार मोदी ने कर दिया इसमें कोई संशय तो नहीं लेकिन उनके इस काम को आसान बनाने का काम किया उनके हनुमान, यानी चिराग पासवान ने..इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। माना तो यही जा रहा है कि बिहार में एनडीए की सरकार, विशेषकर चीफ मिनिस्टर के खिलाफ जो भी एंटीइनकंबेंसी का जहर था सब चिराग ने पी लिया, जीरो पर आउट हुए तो क्या काम बड़ा कर दिया। अगर महागठबंधन और एनडीए के बीच चिराग फैक्टर नहीं होता तो बहुत संभावना थी कि इससें राजद गठबंधन को फायदा मिल जाता। क्योंकि टेघरा, ओबरा, चकई, बेलखंड, बनियापुर, बहादुरपुर जैसे कुछ सीटें हैं जहां जदयू के प्रत्याशी जितने वोटों से हारे, उससे ज्यादा वोट एलजेपी के प्रत्याशियों ने समेटे। इसे एक नजरिए से जदयू के खिलाफ साजिश भी कहा जा रहा है, एनडीए का नुकसान बताया जा रहा है। लेकिन ऐसा होने से सूबे में बीजेपी की स्थिति तो मजबूत हुई ही। इसने मोदी के कद को कई गुना बढ़ाने का काम तो किया ही। अगर बीजेपी इस चुनाव में इतनी मजबूती से नहीं उभरती तो यह प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की ही हार कही जाती। आगे आने वाले चुनावों में इसका जबरदस्त प्रभाव देखने को मिलता। क्योंकि कोरोना काल के बाद यह पहला बड़ा चुनाव था। हालांकि देश के अन्य हिस्सों मे होने वाले छोटे चुनाव, यानी उपचुनाव में भी बीजेपी ने भारी बढ़त बना ली है। 11 राज्यों के 59 सीटों पर हुए चुनाव में 42 सीटें बीजेपी को मिली। कई जगह जिस तरह कांग्रेस से सीटें छीनी है बीजेपी ने, मोदी मैजिक बरकरार होने का एहसास कराती है। जैसे मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 20 उन सीटों को अपनी कब्जे में लिया जो कांग्रेस के पास थी। मणिपुर में सभी 4 सीटें कांग्रेस से हटकर बीजेपी के पास आई। मोदी का गृहराज्य गुजरात तो ज्यादा ही मेहरबान रहा सारी की सारी 8 सीटें बीजेपी या कहे मोदी की झोली में डाल दी।
लेकिन इन सब के बीच बिहार में मिली बीजेपी की बढ़त बड़ी मायने रखती है। बीजेपी का बिहार में मजबूत होना आने वाले दिनों में देश की राजनीति में बड़ा असर डालेगा। उत्तर भारत में यूपी के बाद बिहार में बीजेपी का दबदबा, आने वाले कई सालों तक विपक्ष की नींद खराब करेगा। कुल मिलाकर कहा जाए तो हनुमान चिराग ने अपने राम मोदी का काम बहुत अच्छे से कर दिया।