नकली ममता + असली ममता = ममता की जीत

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नंदीग्राम से ममता बनर्जी की हार अब तो ये साबित करने के लिए काफी है कि जिस तरह से उन्होंने अपनी चोट का सियासी इस्तेमाल किया वो महज छलावा ही था जिसकी गिरफ्त में सूबे की सारी जनता आ गई। लेकिन सच्चाई तो नंदीग्राम की जनता को पता थी, और यही ममता बनर्जी की हार की वजह भी बनी। स्थानीय जनता को बात समझ आ गई थी कि ममता बनर्जी जनता से नकली ममता हासिल करने की कोशिश कर रही है। बेवजह बिहार-यूपी के गुंडों का नाम लेकर कर चुनाव को बाहरी बनाम बंगाली करने की कोशिश कर रही हैं। आवश्यकता कितनी भी रही हो, अपनी चोट के चरम सियासी इस्तेमाल के लिए उन्होंने व्हीलचेयर का जमकर इस्तेमाल किया।

ममता बनर्जी का ‘नकली ममता’ वाला दांव बेशक नंदीग्राम में फ्लॉप रहा हो, सूबे के अन्य हिस्सों में महज चला ही नहीं, धमाल कर गया। लोगों ने टूटते देश को भूलाकर, ममता दीदी की टूटी टांग को अहमियत दे दी। बांगलादेश से होने वाली घुसपैठ, जैसे गंभीर मुद्दे को भी इग्नोर कर दिया। क्लाइमेक्स देखिए, उन्होंने मान लिया कि देश के बाहर से आने वाली जिहादी भीड़ बड़ा खतरा नहीं है, देश के अन्य हिस्सों से आ रहे लोग उनकी आजादी के लिए बड़ा खतरा हैं। कुछ बंदिशों को साथ दुर्गापूजा और सरस्वतीपूजा मना लेंगे, लेकिन अभी जो उनकी ममता अपनी अबला महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति छलक रही है उसे मुकाम तक पहुंचाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। फिर क्या था, उन्होंने जोर लगा दिया और ममता बनर्जी की झोली वोटों से भर दिया।

अब बात उस ‘असली ममता’ की, जो देश की जनता दिल्ली की जनता के प्रति पिछले कुछ दिनों से लगातार जाहिर कर ही रही है। हर कोई दिल्ली में रह रहे अपने दूर-करीब पहचान के लोगों का हालचाल और हालात पूछ रहे हैं। सब उनसब के लिए चिंतित हैं जो देश की राजधानी में रहते हैं। यहां दिल्ली की सड़कों पर लोग तरप-तरप कर मरते रहे, तो वहीं केंद्रीय नेतृत्व बंगाल की सड़कों को चुनाव प्रचार के लिए रौंदते नजर आए। आज इंटरनेट और हाइपर संचार के युग में आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि ये तस्वीरें आप की सियासी नंगई को पश्चिम बंगाल की जनता के सामने नहीं रख सकेंगी? कैसे इसे आप नजरअंदाज करते रहे कि ये असली ममता यानी दिल्ली की जनता के प्रति देश की जनता का दया भाव आपको बंगाल के सियासी दंगल में पटखनी नहीं दिला पाएगा?

कुल मिलाकर देखा जाए तो तमाम तरह की अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद बंगाल में बीजेपी की हार और ममता बनर्जी की प्रचंड जीत बताती है कि ‘नकली ममता’ और ‘असली ममता’ ने बीजेपी का काम अच्छे से बिगाड़ दिया।