पबजी बैन : देर से सही पर दुरुस्त फैसला

दिल्ली के लक्ष्य की जिंदगी बच जाती अगर सरकार ने यह निर्णय बस कुछ दिनों पहले ले लिया होता। अभी 16 जुलाई की ही बात है शाहदरा के रहने वाले बस बारह साल के लक्ष्य को पबजी की लत ने गिरफ्त में ले लिया था। इस बात को लेकर घर वाले खासे परेशान रहते थे। बार बार समझाने पर भी पबजी की लत नहीं छोड़ पा रहा था लक्ष्य। उस दिन सातवीं में पढ़ने वाले लक्ष्य को मां नीतू ने सुबह सुबह पबजी खेलते देखा तो नाराज हो गई। उसे बस थोड़ी सी ही तो डांट लगाई। फिर वो अपने कमरे में चला गया। काफी देर से जब बाहर नहीं निकला तो मां कमरे में गई। वहां लक्ष्य फांसी के फंदे में लटका मिला।

इसी 14 अगस्त को आंध्र प्रदेश से चौंकाने वाली खबर आई कि एक 16 साल का बच्चा लॉकडाउन के दौरान इस कदर पबजी खेलने में लगा रहा कि उसे खाने पीने की सुध ही नहीं रही। बीमार पड़ने पर अस्पताल ले जाया गया। गंभीर डायरिया की वजह से उसकी मौत हो गई।  

पिछले साल मध्यप्रदेश के नीमच से भी खबर आई थी कि एक 16 साल का लड़का पिछले 6 घंटे से पबजी खेल रहा था। अचानक चिल्लाया कि ‘ब्लास्ट कर’ और फिर उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि हृदय गति रूकने से उसकी मौत हुई।

इस तरह न जाने कितने ही बच्चों की जिंदगी खत्म कर चुका है ये खतरनाक खेल। काफी समय से इस पर बैन लगाने के लिए सरकार से कहा जा रहा था। आखिरकार सरकार ने पबजी समेत 118 मोबाइल एप्स बैन करने का फैसला लिया है। इसकी वजह बताई गई है कि इनसे भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा था। राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था के लिए इन्हें नुकसानदेह समझा गया।

बैन किए एप की पूरी लिस्ट –